भारत की राष्ट्रपति महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं

राष्ट्रपति भवन : 19.10.2023

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 19 अक्तूबर, 2023 को मोतिहारी, बिहार में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं और उसे संबोधित किया।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वे महात्मा गांधी द्वारा भारत-भूमि में किए गए पहले सत्याग्रह की स्मृति में स्थापित विश्वविद्यालय के विद्यार्थी हैं। यहां के विद्यार्थी होने के नाते आप सब एक ऐसी अनमोल विरासत से जुड़े हुए हैं जिसका पूरे विश्व में सम्मान किया जाता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि गांधीजी की विरासत को समझने और आत्मसात करने के लिए सादगी और सच्चाई के अच्छे परिणामों को समझना होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सादगी और सच्चाई का मार्ग ही वास्तविक सुख, शांति और प्रसिद्धि का मार्ग है। उन्होंने विद्यार्थियों से बापू की शिक्षा के अनुसार मन, वाणी और कर्म से सदैव सत्य पर आधारित आचरण करने का आग्रह किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि गांधीजी ने अहिंसा, करुणा, नैतिकता और निस्वार्थ सेवा के आदर्शों में लोगों की आस्था बढ़ाई। उन्होंने हमारे समाज, राजनीति और अध्यात्म को बहुत गहराई के साथ भारत की भाव-भूमि से जोड़ा। विश्व समुदाय के अनेक लोग गांधीजी में भारत का मूर्तिमान स्वरूप  देखते हैं।

राष्ट्रपति ने बताया कि चंपारन के ऐतिहासिक सत्याग्रह का समाज के ताने-बाने पर भी बहुत गहरा प्रभाव पड़ा था। उस आंदोलन के दौरान सभी लोग जाति-भेद छोड़कर एक-दूसरे के साथ भोजन बनाने-खाने लगे। उन्होंने कहा कि करीब 106 साल पहले गांधी जी के कहने पर चंपारण के लोगों ने सामाजिक समानता और एकता का रास्ता अपनाया और ब्रिटिश हुकूमत को झुकने पर मजबूर कर दिया। आज भी सामाजिक समानता और एकता का वही रास्ता देशवासियों को आधुनिक विकास के रास्ते पर आगे ले जाएगा।

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